राजस्थान की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं का जीवंत उदाहरण हरियाली तीज का पर्व डिग्गी की पावन धरती पर अत्यंत धूमधाम से मनाया गया। इस विशेष अवसर पर भगवान श्री कल्याण जी महाराज की दिव्य झांकी सजाई गई और उन्हें भव्यता से झूला झुलाया गया, जिससे श्रद्धालुओं का मन भक्तिभाव से परिपूर्ण हो गया।
पूजा के प्रमुख पुजारी सत्यनारायण शर्मा, विजय नारायण और राम अवतार शर्मा ने बताया कि भगवान श्री कल्याण जी की झांकी को विशेष रूप से सजाया गया था। सुबह मंगला आरती से ही श्रद्धालुओं का तांता दर्शनार्थ लग गया था, जो दिन भर अनवरत जारी रहा। भक्तों ने भगवान के दर्शन कर अपने जीवन को धन्य माना और हरियाली तीज के इस पवित्र पर्व को उल्लासपूर्वक मनाया। नगर के हर कोने में हर्ष और भक्तिभाव का ऐसा माहौल था मानो स्वर्ग स्वयं धरती पर उतर आया हो। भगवान श्री कल्याण जी महाराज की झांकी की दिव्यता ने सभी का मन मोह लिया, और श्रद्धालु भावविभोर हो उठे।
डिग्गी में हरियाली तीज पर भगवान श्री कल्याण जी को झूला झुलाने की यह प्राचीन परंपरा है, जो आज भी पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ निभाई जाती है। यह आयोजन न केवल स्थानीय लोगों के लिए, बल्कि दूर-दूर से आए श्रद्धालुओं के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
हरियाली तीज का यह पावन पर्व राजस्थान की संस्कृति और परंपराओं का प्रतीक है। इस दिन भगवान श्री कल्याण जी महाराज की विशेष झांकी ने इस पर्व को और भी खास बना दिया। भक्तों के लिए यह दिन एक अविस्मरणीय अनुभव के रूप में अंकित हो गया।
भगवान श्री कल्याण जी की दिव्य झांकी और झूला झुलाने की इस परंपरा ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया कि श्रद्धा और विश्वास से भरे इस पवित्र स्थल पर भगवान का आशीर्वाद सदैव बना रहता है।
हरियाली तीज के इस पर्व ने डिग्गी को एक बार फिर जीवंत कर दिया। अगर आपने यह अद्भुत दृश्य नहीं देखा तो मानो कुछ अनमोल खो दिया। भगवान श्री कल्याण जी महाराज की झांकी और झूला झुलाने का यह अनुभव हमेशा के लिए यादगार बन गया।
रिपोर्ट :- मनोज टांक