जहाजपुर, (अनिल सोनी) – कस्बे में आज सफाई कर्मचारियों की हड़ताल तीसरे दिन भी जारी रही। वाल्मीकि समाज के सफाई कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ आक्रोश रैली निकाली, जो नगर पालिका बस स्टैंड से सदर बाजार तक पहुंची। इस रैली में कर्मचारियों ने अपने नारे “जो हमसे टकराएगा, सीधा ऊपर जाएगा” और “जोर-जुल्म की टक्कर में, हड़ताल हमारा नारा है” के साथ सरकार के खिलाफ विरोध जताया।
रैली के दौरान सफाई कर्मचारी संघ के अध्यक्ष जीवन राम घारू ने बताया कि सफाई कर्मचारियों की भर्ती में वाल्मीकि समाज को प्राथमिकता देने की मांग को लेकर हड़ताल जारी है। उन्होंने आरोप लगाया कि पालिका में कुछ गैर वाल्मीकि समाज के सफाई कर्मचारियों को सफाई कार्य में नहीं लगाकर अन्य ऑफिस कार्यों में नियुक्त किया गया है, जो वाल्मीकि समाज के सफाई कर्मचारियों के हितों के खिलाफ है।
जीवन राम ने कहा, “अगर गैर वाल्मीकि समाज के कर्मचारी भी सफाई कर्मचारी के पद पर भर्ती हुए हैं, तो उन्हें झाड़ू क्यों नहीं पकड़वाई जाती? उन्हें ऑफिस कार्यों में लगाना सरासर गलत है।” उन्होंने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह वाल्मीकि समाज के सफाई कर्मचारियों के साथ अन्याय है और उनके अधिकारों पर कुठाराघात है।
हड़ताल के तीसरे दिन कस्बे के नौ चौक और अन्य स्थानों पर गंदगी के ढेर नजर आए, जिससे आमजन को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। सफाई कर्मचारियों ने आमजन से भी उनकी मांगों को समर्थन देने की अपील की।

इसी बीच, प्रशासन अपनी “कार्यक्षमता” दिखाने में व्यस्त रहा और कस्बे के गंदगी के ढेरों को अनदेखा करता रहा। शायद उन्हें लगा कि यह “सजावट” कस्बे की नई थीम है। जनता भी अब सोच में पड़ गई है कि सफाई कर्मचारी अपनी मांगों पर अडिग रहेंगे या प्रशासन की “निष्ठा” के सामने झुकेंगे। इस आक्रोश रैली ने प्रशासन और सरकार के खिलाफ कर्मचारियों के गुस्से को स्पष्ट रूप से दिखाया। वाल्मीकि समाज के सफाई कर्मचारियों की मांगें और हड़ताल ने पूरे कस्बे का ध्यान अपनी ओर खींचा है। अब देखना होगा कि प्रशासन और सरकार इस पर क्या कदम उठाती है, या फिर वे गंदगी के ढेरों के बीच अपनी “साफ-सुथरी” छवि बनाए रखने में सफल होते हैं।