छान। टोंक ब्लॉक के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (सीएचसी) छान में चिकित्सकों की भारी कमी के चलते छान और आस-पास की 5 पंचायतों के लगभग 40 हजार लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं में गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इन समस्याओं के बीच सबसे गंभीर मुद्दा महिला डॉक्टर की कमी का है, जिसके कारण प्रसव के सभी केस टोंक रेफर किए जा रहे हैं।
समाजसेवी आवाज़ उठाते हैं
समाजसेवी आशाराम जाट और वार्ड पंच हीरालाल सैनी ने बताया कि महिला चिकित्सक का पद लंबे समय से रिक्त है। इस कारण महिलाओं को प्रसव के लिए टोंक रेफर किया जा रहा है, जिससे उनकी जान पर खतरा बढ़ जाता है।
शिक्षा पर भी असर
छान में नवोदय विद्यालय समेत 5 दर्जन छात्रावास और 10 स्कूल संचालित किए जा रहे हैं। यहां अध्ययनरत 20 हजार विद्यार्थी भी इस चिकित्सकीय कमी से प्रभावित हो रहे हैं।
बच्चों के स्वास्थ्य पर खतरा
छान में शिशु रोग विशेषज्ञ की भी कमी है, जिससे बच्चों के इलाज के लिए अभिभावकों को टोंक ले जाना पड़ता है। इससे न केवल आर्थिक बोझ बढ़ता है, बल्कि बच्चों की स्वास्थ्य सुरक्षा भी खतरे में पड़ जाती है।
5 करोड़ की लागत, फिर भी बदहाली
5 करोड़ की लागत से निर्मित छान अस्पताल अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। जन प्रतिनिधियों की उपेक्षा और राजनैतिक अनदेखी की वजह से यह स्थिति बनी हुई है।
समाज की अपील
समाजसेवी और स्थानीय लोग प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि जल्द से जल्द चिकित्सकों की नियुक्ति की जाए और स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
छान की यह स्थिति एक गंभीर स्वास्थ्य संकट की ओर इशारा करती है। ऐसे में सरकार और प्रशासन को त्वरित और प्रभावी कार्रवाई करनी होगी ताकि इस क्षेत्र के लोगों को उचित स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।