डिग्गी कल्याणजी की 59वीं लक्खी पदयात्रा: जयपुर से 5 लाख श्रद्धालुओं का आस्था और भक्ति का महाकुंभ
जयपुर, चौड़ा रास्ता स्थित ताड़केश्वर महादेव मंदिर से रविवार सुबह 9 बजे डिग्गी कल्याणजी की 59वीं विशाल लक्खी पदयात्रा रवाना हुई। इस यात्रा में करीब 5 लाख श्रद्धालु शामिल हुए, जो बैंड बाजों की धुन पर नाचते गाते कल्याण की नगरी डिग्गी के लिए निकले। जयपुर से डिग्गी के कल्याणजी महाराज के मंदिर की दूरी करीब 80 कि.मी. है, जिसे ये श्रद्धालु 5 दिनों में पूरा करेंगे, प्रतिदिन लगभग 20 किमी का सफर तय करते हुए।
इस भव्य पदयात्रा के शुभारंभ में मुख्य अतिथि विधायक कालीचरण सराफ, विधायक बाल मुंकद आचार्य, राष्ट्रीय अध्यक्ष शराब बंदी आंदोलन पूजा छाबड़ा, ग्रागी फाउंडेशन के डायरेक्टर विजय टाक, एडवोकेट नवीन टाक, महाराज श्री त्रिवेणी धाम और पदयात्रा संचालक श्रीजी शर्मा ने विधिवत केसरिया शाही ध्वज की पूजा अर्चना की और यात्रा को रवाना किया। संत-महंतों और अन्य गणमान्य लोगों ने भी मुख्य ध्वज का पूजन कर पदयात्रा को रवाना किया।
भक्ति रस में डूबी गुलाबी नगरी
पदयात्रियों के लिए पूरे मार्ग में 1400 से अधिक स्थानों पर छोटे-बड़े भंडारे लगाए गए हैं। जयपुर से सांगानेर तक सैकड़ों स्थानों पर फल, शरबत, शिकंजी, छाछ, लस्सी, कचोरी, पकोड़े, मिठाई, सब्जी-पूड़ी आदि निशुल्क उपलब्ध हैं। जयपुर से डिग्गी तक का मार्ग भक्ति और आस्था में डूबा नजर आ रहा है।
यात्रा मार्ग और विश्राम स्थल
जयपुर से निकलने के बाद पहला रात्रि विश्राम मदरामपुरा में होगा। यात्रा दूसरे दिन 12 अगस्त को हरसूलिया, 13 को फागी, 14 को चौसला में रात्रि विश्राम करते हुए 15 अगस्त को डिग्गी-मालपुरा के कल्याणजी मंदिर पहुंचेगी। यहां भगवान विष्णु का स्वरूप कल्याणधणी श्रीजी महाराज को ध्वज अर्पित किया जाएगा और गंगाजल से भगवान का अभिषेक किया जाएगा। 16 अगस्त को मध्यप्रदेश की पदयात्रा का शाही ध्वज श्री कल्याण जी को छत्राया जाएगा।
यातायात प्रबंधन
पदयात्रा के दौरान जयपुर से मालपुरा तक सड़क मार्ग पर जाम की स्थिति बनी रहेगी। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ और भंडारों की वजह से मुख्य सड़कों पर गंदगी को रोकने के लिए निगम प्रशासन ने विशेष इंतजाम किए हैं और भंडारे लगाने वालों से डस्टबिन के उपयोग की अपील की है।
श्रद्धालुओं की आस्था
राजस्थान के अलावा मध्यप्रदेश से भी श्रद्धालु इस पदयात्रा में शामिल हो रहे हैं। लाखों श्रद्धालु डिग्गी में कल्याणजी महाराज के दर्शन की लालसा लिए इस यात्रा में सम्मिलित होते हैं, जिससे यह आयोजन हर साल और भी भव्य होता जा रहा है। जयपुर नगरी ने एक बार फिर साबित किया कि यहाँ आस्था और भक्ति की गंगा निरंतर बहती है।