आरक्षण से वंचित जातियों का प्रदेश स्तरीय सम्मेलन: टोंक के प्रतिनिधियों ने रखी मजबूत उपस्थिति, सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करने की रणनीति पर मंथन

टोंक। आरक्षण से वंचित 50 से अधिक समुदायों के प्रदेश स्तरीय सम्मेलन का आयोजन रविवार को जयपुर के राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में किया गया। इस महत्वपूर्ण बैठक में आरक्षण में उपवर्गीकरण और क्रीमीलेयर को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को राजस्थान में लागू करवाने की रणनीति तैयार की गई।

सम्मेलन में वाल्मीकि, सांसी, भील, नायक, धानक, बावरी, कंजर, गवारिया, नट, कालबेलिया समेत 50 से अधिक एससी-एसटी समुदायों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। टोंक से माणक चन्द सौदा, रामबाबू परवाना, और अरुण कुमार सौदा ने इस सम्मेलन में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई और आगामी रणनीति पर चर्चा की।

सम्मेलन में शामिल प्रतिनिधियों ने हाल ही में उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णय के तहत एससी-एसटी आरक्षण में उपवर्गीकरण और क्रीमीलेयर को जल्द से जल्द लागू करवाने पर जोर दिया। बैठक में वाल्मीकि महापंचायत के प्रदेश संयोजक राजेश पारोचिया ने कहा कि 5 सितंबर को प्रदेश के हर जिले में ज्ञापन देकर राज्य सरकार से इस फैसले को लागू करने की मांग की जाएगी। इसके अलावा, जल्द ही एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी मांगों को रखेगा।

राजेश पारोचिया ने इस मुद्दे पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग में आरक्षण का लाभ केवल 5-6 जातियों तक ही सीमित रहा है, जबकि अधिकांश वंचित जातियां आजादी के 78 वर्षों बाद भी हाशिए पर खड़ी हैं।

इस सम्मेलन में विभिन्न समुदायों के प्रतिनिधियों ने एकजुटता दिखाते हुए अपने अधिकारों के लिए संगठित प्रयास करने का संकल्प लिया। सम्मेलन के अंत में तय किया गया कि अब समय आ गया है जब इन वंचित जातियों की आवाज को मजबूती से उठाया जाए और सुप्रीम कोर्ट के फैसले को जल्द से जल्द लागू करवाया जाए, ताकि सभी समुदायों को न्याय और समान अवसर मिल सके।

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