छान। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) छान में इलाज में लापरवाही का गंभीर आरोप सामने आया है, जिसमें रंगलाल चौधरी की मौत बिना उचित उपचार के हो गई थी। मृतक के परिजनों ने डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी। हालांकि शुरुआती जांच के बाद मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था।
परिजनों ने चिकित्सा विभाग पर आरोप लगाया कि पर्याप्त साक्ष्य और चश्मदीद गवाहों के बयान देने के बावजूद दोषी डॉक्टरों और कर्मचारियों पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। उन्होंने चिकित्सा विभाग के उच्चाधिकारियों पर दोषियों को बचाने का आरोप लगाया।अब चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त निदेशक, अजमेर जोन ने मामले की पुनः जांच के आदेश दिए हैं, और संबंधित कर्मचारियों को अजमेर तलब किया गया है। इससे पहले मुख्यमंत्री कार्यालय के निर्देश पर जिला कलेक्टर द्वारा गठित जांच टीम ने इस मामले की जांच की थी, लेकिन रिपोर्ट आरटीआई से मांगने पर भी नहीं दी गई। समाजसेवी आशाराम जाट ने अस्पताल के कर्मचारियों पर राजनीति करने और ड्यूटी में लापरवाही का आरोप लगाया है, और रंगलाल चौधरी प्रकरण की निष्पक्ष जांच की मांग की है। क्या इस बार दोषियों पर कार्रवाई होगी या फिर यह मामला भी न्याय से वंचित रह जाएगा?