सैंट सोल्जर शिक्षा समिति के स्थापना के 40 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में टोंक की सड़कों पर एक ऐसा दृश्य उभरा, जो शहरवासियों को रोमांचित और गर्वित कर गया। इस आयोजन की शुरुआत एक साधारण रैली से कहीं अधिक, एक शैक्षणिक आंदोलन के रूप में हुई, जिसने न केवल शिक्षा बल्कि सामाजिक चेतना के अनोखे संदेशों से शहर को गुंजायमान कर दिया।
समिति के प्रांगण में सुबह की हल्की धूप में ध्वजारोहण करते हुए संस्था निदेशक श्री बाबूलाल शर्मा ने जब ध्वज फहराया, तो चारों ओर एक अद्भुत ऊर्जा का संचार हो उठा।
सरस्वती वंदना के साथ आरंभ हुए इस समारोह ने लोगों के दिलों में एक अलग ही जगह बना ली। इसके बाद सैंट सोल्जर पब्लिक स्कूल, टोंक के 200 बैंड छात्र जब राष्ट्रगान की धुनों पर ताल मिलाते हुए चले, तो मानो पूरे शहर की रगों में देशभक्ति दौड़ने लगी। पर असली सस्पेंस तो अभी बाकी था।
जैसे ही बाबूलाल शर्मा ने रिबन काटकर रैली का उद्घाटन किया, शहर की गलियों में सन्नाटा छा गया—लोगों ने सड़कों पर कतारें बना लीं, और हर कोई इस अद्भुत रैली की झलक पाने को उत्सुक था। सबसे आगे समिति का ध्वज लिए हुए छात्र चलते गए, जैसे कोई प्रेरणादायक मशाल थामे हो, और उनके पीछे बैंड की मधुर धुनों ने माहौल को मंत्रमुग्ध कर दिया।
रैली की भव्यता तब और भी बढ़ गई जब एक के बाद एक विभिन्न शिक्षण संस्थानों के छात्रों ने अनोखी झांकियां प्रस्तुत करनी शुरू कीं। सैंट सोल्जर सीनियर सेकेंडरी स्कूल के विद्यार्थियों की “शिक्षा मानव जीवन के लिए उपयोगी” विषय पर झांकी, ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ संदेश के साथ सैंट सोल्जर गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल की छात्राएं, और ‘बाल श्रम जीवन के लिए विनाशकारी’ संदेश लिए सेंट सोल्जर पब्लिक स्कूल के विद्यार्थी जब आगे बढ़े, तो शहर के लोग मंत्रमुग्ध हो गए। हर झांकी एक कहानी कह रही थी, एक संदेश दे रही थी और हर झांकी का विषय जैसे मन को छूने वाला था।
मगर असली मोड़ तब आया, जब सैंट सोल्जर महिला महाविद्यालय की छात्राओं ने ‘सड़क सुरक्षा, जीवन की रक्षा’ पर अपनी झांकी प्रस्तुत की। उनकी इस प्रस्तुति को देखकर लोगों में जैसे खलबली मच गई और हर कोई चौकन्ना होकर संदेश को समझने लगा। इसके बाद, पंडित जे. पी. उपाध्याय टी.टी. कॉलेज के छात्रों ने ‘नर सेवा नारायण सेवा, रक्तदान महादान’ पर ऐसी दिल छू लेने वाली झांकी प्रस्तुत की कि कई दर्शकों की आँखों में आंसू आ गए।
इस रैली में करीब पाँच हजार छात्र शामिल हुए थे, लेकिन सबसे चौंकाने वाला नज़ारा तब देखने को मिला, जब पहले बैच के प्रवेशित छात्रों का माल्यार्पण किया गया और उन्हें साफा पहनाया गया। उनकी आँखों में गर्व और चेहरे पर मुस्कान थी, मानो 40 वर्षों की सफलता की गाथा खुद ब खुद बयां कर रही हो।
रैली के दौरान शहर के अलग-अलग हिस्सों में बाबूलाल शर्मा का भव्य स्वागत किया गया। लोग उनकी गाड़ी के साथ-साथ चलते रहे, जगह-जगह बैनर और पुष्पवर्षा के साथ उनका स्वागत किया गया और ड्रोन से अभिवादन किया गया। यह रैली समिति परिसर से शुरू होकर शिक्षा विभाग कार्यालय, सवाई माधोपुर सर्किल, जैन नसियां, सबील शाह की चौकी, बड़ा कुआं, घंटाघर होते हुए कंकाली माता मंदिर पर जाकर समाप्त हुई। हर कदम पर इस जश्न का जुनून बढ़ता गया।
और इस रैली का क्लाइमेक्स था समिति परिसर में स्नेह भोज का आयोजन। जैसे ही लोग वहां पहुंचे, माहौल में एक अपनापन और जोश भर गया। यह आयोजन न सिर्फ सैंट सोल्जर शिक्षा समिति के 40 वर्षों की यात्रा का उत्सव था, बल्कि इसने भविष्य के सपनों को भी जगाया।
“सैंट सोल्जर स्कूल: 40वीं वर्षगांठ पर प्रथम बैच का सम्मान”
सैंट सोल्जर स्कूल की 40वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में स्कूल निदेशक श्री बाबूलाल शर्मा ने विशेष रूप से 1984 के प्रथम बैच के छात्रों को आमंत्रित कर उनका सम्मान किया। इस अवसर पर पुराने छात्र जैसे महेश सोनी, दीपा यादव, नवीन सोनी, पिंकी सोनी, हेमलता जैन, मीनाक्षी सोनी, अजय शर्मा और अनवर खान उपस्थित रहे।
कार्यक्रम को ऐतिहासिक बनाने में हितेश शर्मा, शिप्रा शर्मा, मंजू माथुर, और मदन मोहन शर्मा सहित स्कूल के वर्तमान छात्रों और स्टाफ की अहम भूमिका रही। सभी ने मिलकर एक विशाल रैली का आयोजन किया, जिसमें पुराने और वर्तमान छात्र शिक्षा और समर्पण की एकता का संदेश देते हुए शामिल हुए।